अली, मेरा दोस्त मेरा भाई।
लेकिन ना जाने क्यूँ हमें साथ देख
दुनिया की आँखे खटकती थी,
हमारी यारी देखकर उनकी
नफरते हमपर अटकती थी।
मैंने अली के घर की सेवइयां खाई है,
दीवाली की मिठाईयां मैंने उसको भी खिलाई है,
हर अवसर पर उसके घर से मेरे घर बधाईयाँ आई है
मैंने अपनी तकलीफे उसको सुनाई है।
मैंने उसको अपनी पूजा सिखाई है,
उसने भी मुझे अपनी नमाज पढ़ाई है।
दीवाली पर उसने फुलजड़िया जलायी है,
रमजान के महीने में अपने घर की
खिड़कियों पर मैंने लाईटें लगायी है।
क्यूँ तुम्हारा प्रमाण मेरे लिये जरूरी है,
क्यूँ मै मेरे हिसाब से जी नही सकता,
क्यूँ वो मेरे घर का खा नही सकता,
क्यूँ मैं उसका झूठा पी नही सकता,
मैं हाजी अली गया हु
वो वाबूल नाथ भी आया है,
और इफ्तार का खाना हमने साथ
में खाया है।
हिन्दू मुस्लिम एक नहीं हो सकते
कौन कह गया ये यर तुझे,
अरे ये कोनसा परिंदा था
राम रहीम तब जिगरी दोस्त रहे होंगे
तू क्या जब जिन्दा था।
मैंने उसके घर की शादियों में
मजा खान पान का लिया है,
और मेरे घर की शादियों में उसने
कन्यादान भी किया है।
क्यूँ ये भाईचारा देखकर के तंग होते हो,
क्यूँ तिलक और टोपी का मिलन
देखकर के दंग होते हो,
गीता और कुरआन में कहाँ कुछ
अलग बताया है
दोनों ने हमको सिर्फ और सिर्फ
अमन सिखाया है,
यदि इसपर भी आपत्ति है तेरी
तो खुली चुनौती है मेरी
बता किस पैगाम और श्लोक में है
ये बात बताई
कि मुस्लमान मेरा दोस्त नही हो सकता
और हिन्दू उसका भाई।
Ali, My friend my brother.
But do not know why
the world used to jealous of seeing both of us together,
Seeing our friendship, their eyes used to stop on us.
I have eaten the sevians of Ali's house,
I have also given Diwali's sweets to him.
On every occasion the congratulations have come to my house from his house,
I have told my troubles to him.
I have taught him my worship,
He has also taught me his prayers(Namaaj).
On Diwali, she has burnt fireworks,
In the month of Ramadan
I have lit the lamp on the windows of my house.
Why is your proof necessary for me?
Why can not I live by my own?
Why can not he eat of my house?
Why can not I drink his drunk water?
I have gone to Haji Ali,
He has also come to VaboolNath.
And we have eaten the food of Iftar together.
Who has said such that Hindu and Muslim cannot be one,
Damn, Who was this person.
Ram Rahim would have been close friend at that time.
Did you alive at that time?
I have had fun of food and drinks in the weddings of his house,
And He has also given away the bride in the marriage of my house.
Why do you trouble to see brotherhood?
Why do you surprised to see the meeting of Tilak and hat?
Where is tell difference between Geeta and Quran.
Both of them have taught us just and just peace.
If there is an objection of you then i open challenge you.
Tell me, in what distich and stanza it has told that a Muslim can not be my friend and the Hindu his brother.
Only their approaches are different.-Mahatma Gandhi
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